पाकिस्तान पर फिर होगी एयर स्ट्राइक? मसूद अजहर, हाफिज सईद और सलाउद्दीन के नए ठिकानों की तलाश शुरू
नई दिल्ली: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के गढ़ों को ध्वस्त करने के बाद, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अब आतंकियों के नए ठिकानों का पता लगाने में सक्रिय हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, यदि आवश्यक हुआ और परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो इन नए ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है।
खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को भांपते हुए पाकिस्तान ने पहले ही मसूद अजहर, हाफिज सईद और सैयद सलाउद्दीन जैसे कुख्यात आतंकवादियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है। इसके अतिरिक्त, गुलाम कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास स्थित लॉन्च पैड्स पर मौजूद आतंकियों को भी सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया गया है।

अब आतंकी सरगनाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी
सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि आतंकियों के लिए अभेद्य माने जाने वाले ठिकानों को नष्ट करके भारत ने एक मजबूत संदेश दिया है। हालांकि, आतंकी संगठनों के प्रमुखों को खत्म करने का काम अभी बाकी है।
अधिकारी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मारे गए आतंकवादियों की सटीक संख्या की पुष्टि की जा रही है, लेकिन प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार यह आंकड़ा 300 से अधिक हो सकता है। यह भी सूचना मिली है कि बहावलपुर में हुए हमले में मसूद अजहर के परिवार के 10 से 13 सदस्य मारे गए हैं, जिससे वह काफी सदमे में है।
नए ठिकाने तलाशना पाकिस्तान के लिए चुनौतीपूर्ण
वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के लिए आतंकियों के नए ठिकाने स्थापित करना अब आसान नहीं होगा। कभी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित आतंकी शिविर सुरक्षित माने जाते थे। अफगानिस्तान से सटे खैबर पख्तूनवां में भी आतंकियों के छोटे-छोटे कैंप हुआ करते थे। लेकिन तालिबान के साथ बढ़ते तनाव और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के मजबूत होने के कारण उन शिविरों को बंद कर दिया गया और आतंकियों को पंजाब और कश्मीर के कैंपों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की बढ़ती ताकत के कारण वह क्षेत्र भी आतंकियों के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। भारतीय एजेंसियों को आशंका है कि पाकिस्तान अब पंजाब में ही छोटे-छोटे आतंकी कैंप बनाकर इन आतंकियों को छिपने की जगह दे सकता है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही हैं और किसी भी संभावित खतरे को विफल करने के लिए तैयार हैं।
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