पुंछ में पाक गोलाबारी में शहीद हुए सूबेदार मेजर पवन कुमार

सूबेदार मेजर पवन कुमार शहीद

पुंछ में पाकिस्तानी गोलाबारी

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई अकारण गोलीबारी में भारतीय सेना के एक वीर जवान, सूबेदार मेजर पवन कुमार, ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। यह दुखद घटना कृष्णाघाटी सेक्टर में हुई, जहाँ सुबह लगभग पाँच बजे दुश्मन की ओर से अचानक भारी गोलीबारी शुरू हो गई।

 सूबेदार मेजर पवन कुमार शहीद
सूबेदार मेजर पवन कुमार शहीद

सूबेदार मेजर पवन कुमार शहीद

शाहपुर क्षेत्र के सिहोलपुरी टियाली गाँव के निवासी 49 वर्षीय सूबेदार मेजर पवन कुमार इस गोलाबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश, उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी शहादत की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।

शहादत से दो माह पहले सेवानिवृत्ति

सूबेदार मेजर पवन कुमार एक बहादुर और कर्तव्यनिष्ठ सैनिक थे, जिन्होंने अपना जीवन देश सेवा में समर्पित कर दिया। वह आगामी 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले थे, और अपने परिवार के साथ नए जीवन की शुरुआत करने की उम्मीद कर रहे थे। उनके परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे – 23 वर्षीय बेटा अभिषेक और 22 वर्षीय बेटी अनामिका – हैं, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं।

पवन कुमार के पिता, गर्ज सिंह भी पंजाब रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए थे। देश सेवा की यह विरासत उनके परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।

परिवार में शोक की लहर

उनकी शहादत पर दुख व्यक्त करते हुए, स्थानीय लोगों और अधिकारियों ने उनके बलिदान को नमन किया है। यह घटना ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर बढ़े तनाव के बीच हुई है। सूबेदार मेजर पवन कुमार कांगड़ा जिले के पहले सैनिक हैं जिन्होंने इस जवाबी कार्रवाई में अपना जीवन न्योछावर किया है।

हिमाचल का वीर सपूत

एक महीने पहले ही छुट्टी से लौटे पवन कुमार की शहादत की खबर सुनते ही उनके घर पर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। उनके परिवार ने अपने बेटे के बलिदान पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।

सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

सूबेदार मेजर पवन कुमार का पार्थिव शरीर शनिवार रात तक उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है, और उनका अंतिम संस्कार रविवार को पूरे सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनकी शहादत देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है, और उनकी बहादुरी हमेशा याद रखी जाएगी।

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