
तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से 8 मजदूर उसमें फंस गए हैं। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान पिछले 50 घंटे से अधिक समय से जारी है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें मौके पर मौजूद हैं और विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके बचाव कार्य में तेजी ला रही हैं।
कैमरों की मदद से निगरानी
सोमवार को बचाव अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरे लाए गए हैं। इन कैमरों की मदद से सुरंग के अंदर की स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। एलएंडटी के एंडोस्कोपिक ऑपरेटर डॉवदीप ने बताया कि इससे पहले उत्तराखंड में भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया था।
कीचड़ और मलबे के कारण हो रही परेशानी
रेस्क्यू टीम ने बताया कि सुरंग के अंदर अत्यधिक कीचड़ और पानी जमा हो गया है, जिससे अभियान में कठिनाइयाँ आ रही हैं। मलबे की वजह से टीम अभी तक मजदूरों की सटीक लोकेशन का पता नहीं लगा पाई है। पानी निकालने के लिए विशेष पंपों का उपयोग किया जा रहा है।
रेस्क्यू टीम कहां तक पहुँची?
NDRF के डिप्टी कमांडेंट सुखेंदु दत्ता ने बताया कि बचाव दल ने अब तक सुरंग में 13.5 किलोमीटर की दूरी तय कर ली है। उन्होंने बताया कि सुरंग में प्रवेश करने के लिए लोकोमोटिव और कन्वेयर बेल्ट का इस्तेमाल किया गया। 11 किलोमीटर ट्रेन से और बाकी 2 किलोमीटर कन्वेयर बेल्ट और पैदल चलकर तय किया गया। लेकिन अंतिम 200 मीटर का हिस्सा मलबे से पूरी तरह अवरुद्ध है, जिससे मजदूरों तक पहुँचना मुश्किल हो रहा है।
कैसे हुआ हादसा?
यह दुर्घटना शनिवार सुबह हुई जब नागरकुरनूल जिले में डोमलपेंटा के पास एसएलबीसी सुरंग के निर्माणाधीन हिस्से की छत का लगभग 3 मीटर हिस्सा अचानक ढह गया। हादसे के समय सुरंग में कई मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें से कुछ बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन 8 मजदूर सुरंग में फंस गए।
बचाव कार्य में तेजी
अधिकारियों का कहना है कि मजदूरों तक जल्द से जल्द पहुँचने के लिए ऑपरेशन को तेज किया गया है। बचाव कार्य में विशेषज्ञों की कई टीमें शामिल हैं, और हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके।